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लेखनी प्रतियोगिता -18-Aug-2023🌹 मित्रता 🌹



सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन,
तत्पश्चात "लेखनी" मंच को नमन,
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधि जनों को नमन,
विषय:- 🌹 स्वैच्छिक 🌹
शीर्षक --🙏 मित्रता 🙏
विधा -- मुक्तक 
मात्रा -- २८ (१४,१४)
दिनांक -- १८.०८.२०२३
दिन -- शुक्रवार 
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महज़  रंग   बिखेरने  से,  कोई   चित्र   नहीं  बनता,
फकत  साथ  में  रहने  से, कोई  मित्र  नहीं  बनता।
विपत्ति काल में मित्र की, वास्तविक  पहचान होती,
भंगिमा  बना   लेने  से, कभी  चरित्र   नहीं  बनता।


मित्रता  निभानी  है  तो, कृष्ण  के  समान  मित्र हो,
लोभ लालच को त्याग कर, सुदामा सखा पवित्र हो।
मित्र का साथ  ना छोड़ा, धर्म का  साथ  छोड़ दिया,
दानवीर  बनो  ना  बनो, किन्तु  कर्ण  सा  चरित्र हो।


सच्ची  मित्रता  वही है, दुख  सुख में  साथ  निभाए,
भूले   भटके   मित्रों  को,  सच्चे   राहों   पर   लाए।
सच्ची  मित्रता  ख़ुदा  का, इक  अनमोल  उपहार है,
जरुरत  जब पड़े  मित्र की, वो सामने  नज़र  आए।

                  🙏🌷 मधुकर 🌷🙏

(अनिल प्रसाद सिन्हा 'मधुकर', जमशेदपुर, झारखण्ड)
  (स्वरचित मौलिक रचना, सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)

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2 Comments

बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन,,, खूबसूरत भाव और सीख देती हुई रचना

Reply

Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

19-Aug-2023 09:05 AM

🙏🙏🙏🙏🙏

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